बांग्लादेश महिला टीम का शानदार प्रदर्शन
महिला एशिया कप 2024 के ग्रुप बी के 11वें मैच में बांग्लादेश महिला टीम ने मलेशिया पर शानदार विजय प्राप्त की। यह मैच 24 जुलाई 2024 को डंबुला में खेला गया था जिसमें बांग्लादेश ने मलेशिया को 114 रनों से पराजित किया। इस जीत के साथ ही बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। बांग्लादेश ने टी20आई फॉर्मेट में अपना दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाते हुए 191/2 रन बनाए।
मूर्शिदा खातून और निगार सुल्ताना का जलवा
बांग्लादेश की इस विशाल पारी में मूर्शिदा खातून और कप्तान निगार सुल्ताना का अमूल्य योगदान रहा। मूर्शिदा ने 59 गेंदों में 80 रन बनाए, जबकि निगार ने 37 गेंदों में 62 रन बनाकर टीम के लिए मजबूत नींव रखी। यह दोनों करियर की सबसे बेहतरीन पारियां थीं।
मूर्शिदा और निगार ने दूसरे विकेट के लिए 56 गेंदों में 89 रन जोड़े। मूर्शिदा ने अपनी पारी में 53 रन केवल 45 गेंदों में बनाए जिससे उन्होंने लगातार दूसरा अर्धशतक पूरा किया। निगार की ताबड़तोड़ पारी ने मैच में बांग्लादेश का वर्चस्व स्थापित कर दिया।
मलेशिया की टीम का संघर्ष
मलेशिया की टीम बांग्लादेश के विशाल लक्ष्य के सामने पूरी तरह से असहाय नजर आई। उनकी पूरी टीम 20 ओवर में केवल 77/8 रन ही बना सकी। मलेशिया के लिए सब से उल्लेखनीय योगदान एल्सा हंटर का रहा जिन्होंने 23 गेंदों में 20 रन बनाए।
मलेशिया की खराब फील्डिंग ने भी उनकी हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मलेशिया ने कुछ महत्वपूर्ण कैच छोड़े जिनमें से एक अना नजवा ने पांचवे ओवर में छोड़ा। उस समय मूर्शिदा 28 रन पर खेल रही थीं और दिलारा अख्तर के आउट होने के बाद उन्होंने अपनी पारी को और तेज कर दिया।
बांग्लादेश की गेंदबाजी का जोर
बांग्लादेश की गेंदबाजियों ने भी मलेशियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। बांग्लादेश की तेजस्विता और स्थिरता से मलेशिया टीम की बल्लेबाजी बिखर गई। मलेशिया के बल्लेबाजों को मंथर गति से रन बनाने पड़े और विकेट भी लगातार गिरते रहे।
सेमीफाइनल की उम्मीदें
बांग्लादेश की महिला क्रिकेट टीम अब सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है और उनकी प्रबल जीत के साथ यह देखा जा सकता है कि वे अपनी फॉर्म को कायम रखेंगे। टीम का मनोबल ऊंचा है और वे आगामी मुकाबलों में भी इसी ऊर्जा के साथ खेलने के लिए तैयार हैं।
इस प्रतियोगिता में बांग्लादेश की महिलाओं की यह प्रतिष्ठित जीत न केवल उनके के लिए बल्कि उनके देश के लिए भी गर्व का विषय है। उनकी गणना अब शीर्ष टीमों में की जा रही है और उनके सेमीफाइनल प्रदर्शन की प्रतीक्षा बनी हुई है।
Mali Currington
जुलाई 26, 2024 AT 07:36बांग्लादेश ने जीता तो जीता, पर मलेशिया की फील्डिंग देखकर लगा जैसे कोई बच्चों की टीम खेल रही हो।
Aryan Sharma
जुलाई 26, 2024 AT 09:02ये सब जीत तो है, पर असली सच ये है कि बांग्लादेश की टीम को इतना आसान मैच देकर मलेशिया ने उन्हें बड़ा बनाने की कोशिश की है। अगर ये टीम वास्तव में अच्छी होती, तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी ऐसा ही खेलती।
INDRA MUMBA
जुलाई 28, 2024 AT 07:46मूर्शिदा खातून की इंटेंसिटी और निगार सुल्ताना की लीडरशिप ने टीम को एक नए एथेटिक फ्रेमवर्क में ले जाया। ये दोनों ने एक ट्रांसफॉर्मेटिव बैटिंग डायनामिक्स को डिफाइन किया-एक राइट-हैंड एक्सप्लॉज़िव एंड लेफ्ट-हैंड डिसिप्लिन्ड कॉम्बिनेशन जो टी20आई के नए नॉर्म्स को रिडिफाइन कर रहा है। ये सिर्फ रन नहीं, बल्कि एक फिलोसोफी है।
Sonia Renthlei
जुलाई 29, 2024 AT 01:47मैं बस ये कहना चाहती हूं कि ये जीत बांग्लादेश की महिलाओं के लिए सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक संदेश है-कि जब लड़कियां अपने सपनों को अपने घर से बाहर ले आती हैं, तो दुनिया उन्हें देखने के लिए मजबूर हो जाती है। मूर्शिदा और निगार ने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि एक नई पीढ़ी को ये बताया कि तुम भी ऐसा कर सकती हो। मैं इन दोनों को अपनी बेटी के लिए उदाहरण बनाने जा रही हूं।
Devendra Singh
जुलाई 30, 2024 AT 21:19ये सब जलवा तो है, पर आप लोग भूल रहे हैं कि मलेशिया टीम ने एक टी20आई मैच में 77 रन बनाए-ये कोई बेंगलौर या गुवाहाटी की लोकल लीग नहीं है, ये एशिया कप है। अगर बांग्लादेश को इतनी आसानी से जीत मिल रही है, तो शायद ये टूर्नामेंट ही बहुत कमजोर है। बस नाम तो बड़ा है।
Rishabh Sood
अगस्त 1, 2024 AT 11:37ये जीत बस एक शुरुआत है-एक अनंत यात्रा का पहला कदम। मूर्शिदा और निगार ने न सिर्फ बल्ले से, बल्कि अपने आत्मा के अंधेरे से जलते हुए एक नई रोशनी जगाई। जब एक लड़की अपने देश के लिए 80 रन बनाती है, तो वो बस एक खिलाड़ी नहीं, वो एक अवतार है। ये जीत नहीं, एक धर्म है।
Roshini Kumar
अगस्त 1, 2024 AT 23:24लोग बोल रहे हैं 'सेमीफाइनल में पहुंच गई'... पर आपने देखा कि बांग्लादेश ने ग्रुप में किसके खिलाफ जीत दर्ज की? मलेशिया, जिसकी टीम इतनी कमजोर है कि उनके गेंदबाजों को लगता है बैट बनाने के लिए नींबू के छिलके से भी ज्यादा जरूरत है। ये जीत नहीं, एक अवसर था।
Nalini Singh
अगस्त 2, 2024 AT 23:42बांग्लादेश की महिला टीम की यह जीत हमारे एशियाई पड़ोसियों के लिए बहुत गर्व की बात है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो न केवल क्रिकेट के क्षेत्र में, बल्कि लिंग समानता और महिलाओं के खेलों के विकास के लिए एक नई दिशा निर्धारित करती है। यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक जीत है।
Dr. Dhanada Kulkarni
अगस्त 4, 2024 AT 14:21मूर्शिदा और निगार की पारियों को देखकर लगा जैसे जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। ये दोनों ने न सिर्फ बल्ले से बल्कि अपने जीवन के हर पल से एक नए नमूने को दर्शाया है। इस टीम के साथ आगे जाकर बड़ी उपलब्धियां होंगी।
UMESH DEVADIGA
अगस्त 5, 2024 AT 15:39सच बताऊं तो मैं तो बस इतना चाहता हूं कि ये टीम फाइनल तक पहुंचे। मैं बस इतना देखना चाहता हूं कि एक लड़की जो अपने घर में बचपन में बल्ला नहीं छू सकती थी, आज एशिया कप के सेमीफाइनल में खेल रही है। ये जीत नहीं, एक जीत है।
RAJIV PATHAK
अगस्त 6, 2024 AT 21:13हर कोई बोल रहा है 'मूर्शिदा ने 80 रन'... पर क्या कोई जानता है कि उनकी पारी के दौरान बांग्लादेश के कोच ने अपने गाल के बल्ले से अपने बाल खींचे? ये सब बनावट है। जिन्हें नहीं दिख रहा, वो देख रहे नहीं।
Saurabh Singh
अगस्त 8, 2024 AT 07:44मलेशिया के खिलाफ 114 रनों से जीत? ये जीत नहीं, ये एक आत्महत्या है। बांग्लादेश की टीम ने एक ऐसी टीम को हराया जिसकी टीम लगती है जैसे उन्होंने अपने बल्ले बैग में छिपा रखे हों। ये जीत बांग्लादेश के लिए शर्म की बात है।