Bajaj Housing Finance का Q1 FY26 प्रदर्शन: आंकड़ों में मजबूती, बाजार में सुस्ती
Bajaj Housing Finance ने पहली तिमाही के नतीजों में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। कंपनी के डिस्बर्समेंट्स में 22% की साल-दर-साल तेजी दर्ज हुई, जो बढ़कर ₹14,651 करोड़ पहुँची। इसके साथ ही कंपनी की Assets Under Management (AUM) 24% बढ़कर ₹1,20,420 करोड़ पर पहुँच गई। यह आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में लगातार डिमांड बनी रही। कंपनी के मुनाफे (PAT) में 21% की ग्रोथ के बाद यह ₹583 करोड़ पर रिकॉर्ड हुआ। हालांकि, यह पिछले तिमाही के मुकाबले हल्का-सा, सिर्फ 0.6% घटा है।
ऑपरेशन से होने वाली कमाई में भी मजबूती दिखी है। कंपनी की कुल आमदनी 18% बढ़कर ₹2,616 करोड़ हो गई और Net Interest Income (NII) में 33% की उछाल आई, जो ₹887 करोड़ रही। Bajaj Housing Finance ने अपनी एसेट क्वालिटी संभाली रखी है: Gross NPA सिर्फ 0.30% और Net NPA 0.13% पर रहा। इसका मतलब है कि कंपनी ने जोखिम प्रबंधन में बेहतर काम किया है। अपने खर्चों को भी कंपनी ने कंट्रोल में रखा है; ऑपरेशनल खर्च नेट इनकम का 21.2% ही रहा। CRAR यानी पूंजी पर्याप्तता अनुपात 26.94% रहा, जो रेगुलेटरी जरूरतों से काफी ऊपर है।
मार्केट रिएक्शन, आगे की राह और चुनौतियां
बावजूद इन अच्छे फाइनेंशियल नतीजों के, Bajaj Housing Finance के शेयरों में 24 जुलाई 2025 को लगभग 1% की गिरावट हुई। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका बड़ा कारण कंपनी का आगे के लिए दिया गया गाइडेंस है। प्रबंधन ने FY26 के लिए AUM ग्रोथ का अनुमान कम कर 21-23% कर दिया है, जबकि पहले यह अनुमान थोड़ा ज्यादा था। इसका तात्पर्य है कि रियल एस्टेट की तेजी अब थोड़ी धीमी हो सकती है या प्रतिस्पर्धा बढ़ने से ग्रोथ पर दबाव आ सकता है।
Net Interest Margin (NIM) को लेकर भी प्रबंधन ने साफ कहा है कि इसमें 15-20 बेसिस पॉइंट्स की कमी आ सकती है। इसका कारण निवेश से कम आय और लोन असाइनमेंट से मिलने वाले रिटर्न में गिरावट बताया गया है। यह बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर के लिए आम चुनौती बनती जा रही है, खासतौर पर ऐसे समय में जब फंडिंग कॉस्ट बढ़ रही हो।
कुल मिलाकर, Bajaj Housing Finance के लेटेस्ट नतीजे अच्छे रहे, लेकिन शेयर की कीमत पर दबाव बना रहा क्योंकि बाजार को उम्मीद थी कि कंपनी ग्रोथ और मार्जिन के मोर्चे पर ज्यादा दम दिखाएगी। असल सवाल अब यही है कि बढ़ती प्रतियोगिता और रियल एस्टेट सेक्टर की धीमी रफ्तार के दौर में कंपनी किस तरह अपनी तेजी बरकरार रखते हुए आगे बढ़ पाएगी।
Sonia Renthlei
जुलाई 27, 2025 AT 05:32ये आंकड़े देखकर लगता है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने बहुत सारे चुनौतियों को पार किया है। AUM में 24% की बढ़ोतरी, NII में 33% की उछाल, और NPA सिर्फ 0.13%-ये सब बताता है कि कंपनी ने बहुत सारे लोन डाले हैं और उनमें से ज्यादातर अच्छे हैं। लेकिन अगर NIM 15-20 बेसिस पॉइंट्स गिर रहा है, तो ये एक बड़ा चिंता का विषय है। मुझे लगता है कि अगली तिमाही में वो अपने फंडिंग कॉस्ट को कम करने के लिए डिपॉजिट रेट्स में बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा, रियल एस्टेट की धीमी रफ्तार का असर अगले दो साल में ज्यादा दिखेगा। लेकिन अगर वो अपने एसेट क्वालिटी को बनाए रख सकते हैं, तो शेयर की कीमत फिर से ऊपर आएगी।
Roshini Kumar
जुलाई 28, 2025 AT 03:34अरे भाई, ग्रोथ 22% है तो शेयर 1% गिर गया? ये तो बाजार ने अभी तक गिनती नहीं सीखी।
Aryan Sharma
जुलाई 28, 2025 AT 11:25ये सब बकवास है। बजाज के ऊपर राजनीति वाले ने दबाव डाला है। आजकल सब कंपनियां फर्जी नंबर बनाती हैं। जब तक एक बार बजाज के बॉस का फोन टैप नहीं हुआ, तब तक मैं ये नहीं मानूंगा कि ये असली है।
UMESH DEVADIGA
जुलाई 29, 2025 AT 10:35मैं तो सोच रहा था कि ये ग्रोथ बनी रहेगी, लेकिन अब देख रहा हूँ कि NIM गिर रहा है। ये वाला बात बहुत खतरनाक है। अगर ये गिरता रहा, तो आने वाली तिमाही में PAT भी गिरेगा। बस अब देखना है कि क्या वो अपने लोन पोर्टफोलियो में फिर से लोन देने का फैसला करते हैं या नहीं। मुझे लगता है अगले 6 महीने में ये कंपनी शेयर बाजार में अच्छी तरह नहीं चलेगी।
Nalini Singh
जुलाई 29, 2025 AT 13:40मैं यहाँ बहुत लंबे समय से बजाज हाउसिंग के लोन लेने वालों के साथ काम कर रही हूँ। ज्यादातर ग्राहक अब बैंकों की जगह इन्हें चुन रहे हैं क्योंकि उनकी प्रोसेसिंग तेज है और डॉक्यूमेंट्स की जरूरत कम है। लेकिन जो लोग लोन ले रहे हैं, उनके पास अब ज्यादातर बेसिक इनकम है-इसलिए अगले 12 महीने में एक छोटी सी रिसेशन आ सकती है। ये कंपनी अच्छी है, लेकिन अगर वो अपने लोन असाइनमेंट को और अधिक रिस्क-आधारित बनाते हैं, तो ये सब निकल सकता है।
Devendra Singh
जुलाई 30, 2025 AT 19:01अगर आप बस आंकड़ों को देख रहे हैं, तो आप अभी भी बेसिक बातें नहीं समझ पा रहे। NIM का गिरना तो इसलिए हुआ क्योंकि बजाज ने अपने बैंकिंग लोन्स के लिए अधिक लाभ नहीं लिया। उन्होंने बाजार के दबाव में आकर रेट्स कम कर दिए। ये ग्रोथ तो बस एक अस्थायी फेक है। अगर आप वास्तविक फाइनेंशियल हेल्थ देखना चाहते हैं, तो कंपनी के कैपिटल रिटर्न और रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न को देखें। ये नंबर तो बहुत बुरे हैं। अगर आप इसे अच्छा समझ रहे हैं, तो आप निवेशक नहीं, बल्कि एक बेवकूफ हैं।